Breaking News
Edit Template
  • Home
  • /
  • World News
  • /
  • कर्नाटक हाईकोर्ट बोला- देश में UCC लागू होना जरूरी:संविधान निर्माता भी इसके हक में थे; राज्य और केंद्र से की कानून बनाने की अपील

कर्नाटक हाईकोर्ट बोला- देश में UCC लागू होना जरूरी:संविधान निर्माता भी इसके हक में थे; राज्य और केंद्र से की कानून बनाने की अपील

कर्नाटक हाईकोर्ट ने शनिवार को कहा कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू होना बहुत जरूरी है। इससे सभी नागरिकों को (खासकर महिलाओं को) बराबरी का हक मिलेगा। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से अपील की है कि वे मिलकर ऐसा कानून बनाएं। यह टिप्पणी जस्टिस हंचाटे संजीव कुमार की सिंगल जज बेंच ने एक पारिवारिक संपत्ति विवाद के मामले में की। यह मामला मुस्लिम महिला शहनाज बेगम की मौत के बाद उनकी संपत्ति के बंटवारे को लेकर था, जिसमें उनके भाई-बहन और पति के बीच विवाद हुआ। कोर्ट ने इस मामले के बहाने मुस्लिम पर्सनल लॉ पर सवाल उठाए और कहा कि ये कानून महिलाओं के साथ भेदभाव करता हैं। मुस्लिम और हिंदू पर्सनल लॉ में अंतर पर जताई चिंता कोर्ट ने कहा कि हिंदू कानून में बेटियों को पैतृक संपत्ति में बराबरी का अधिकार है, जबकि मुस्लिम कानून में भाई को मुख्य हिस्सेदार और बहन को कम हिस्सेदार माना जाता है, जिससे बहनों को कम हिस्सा मिलता है। कोर्ट ने कहा कि ये असमानता संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) के खिलाफ है। गोवा और उत्तराखंड का उदाहरण कोर्ट ने बताया कि गोवा और उत्तराखंड जैसे राज्य पहले ही UCC की ओर कदम बढ़ा चुके हैं। इस वजह से अब केंद्र और बाकी राज्यों को भी इस दिशा में काम करना चाहिए। कोर्ट ने अपने फैसले की कॉपी केंद्र और कर्नाटक सरकार के कानून सचिवों को भेजने के निर्देश दिए हैं। संविधान निर्माता भी थे UCC के पक्ष में जस्टिस कुमार ने अपने फैसले में डॉ. बीआर अंबेडकर, सरदार पटेल, डॉ. राजेंद्र प्रसाद जैसे नेताओं के भाषणों का हवाला देते हुए बताया कि वे सभी एक समान नागरिक संहिता के पक्षधर थे। उनका मानना था कि देश में एक जैसे नागरिक कानून होने चाहिए, जिससे राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समानता को बढ़ावा मिले। कोर्ट का फैसला क्या रहा? शहनाज बेगम की मौत के बाद उनकी दो संपत्तियों पर उनके भाई, बहन और पति के बीच विवाद था। भाई-बहनों का दावा था कि ये संपत्तियां शहनाज ने खुद की कमाई से खरीदी है, इस वजह से सभी को बराबर हिस्सा मिलना चाहिए। लेकिन पति का कहना था कि संपत्तियां दोनों ने मिलकर खरीदी थीं, इसलिए उन्हें बड़ा हिस्सा मिलना चाहिए। कोर्ट ने तथ्यों की जांच के बाद माना कि संपत्तियां पति-पत्नी की साझा कमाई से खरीदी गई थीं, भले ही वो सिर्फ पत्नी के नाम पर थीं। इस आधार पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए, दो भाइयों को दोनों संपत्तियों में 1/10वां हिस्सा दिया। बहन को 1/20वां हिस्सा दिया गया और पति को 3/4 हिस्सा मिला। ———————————————– UCC से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…. उत्तराखंड: यूसीसी के 2 माह, कानून में दिक्कतें:कर्मचारी, वकील विरोध में उतरे, लिव-इन वाले भी परेशान उत्तराखंड में दो महीने पहले ही समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हुई। ऐसा करने वाला वह पहला राज्य भी है। लेकिन, अब इसके कई प्रावधानों ने राज्य सरकार के समक्ष व्यावहारिक मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। सबसे बड़ी समस्या ढाई लाख सरकारी कर्मचारियों की है। सरकारी आदेश के तहत सभी कर्मचारियों को यूसीसी पोर्टल पर अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर दिया है। पूरी खबर पढ़ें…

Admin

Writer & Blogger

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular
Recent
Edit Template
Edit Template

Hello, we are content writers with a passion for all things related to fashion, celebrities, and lifestyle. Our mission is to assist clients.

Sponsored Content

No Posts Found!

Newsletter

Join 70,000 subscribers!

You have been successfully Subscribed! Ops! Something went wrong, please try again.

By signing up, you agree to our Privacy Policy

Edit Template

Press ESC to close

Cottage out enabled was entered greatly prevent message.