यूपी STF ने मुख्तार अंसारी गैंग के शूटर अनुज कनौजिया को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। ADG अमिताभ यश ने बताया कि शनिवार रात STF और झारखंड पुलिस ने सूचना के आधार पर अनुज कनौजिया को जमशेदपुर में पकड़ने पहुंची। पुलिस टीम पर अनुज ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में टीम ने भी क्रॉस फायरिंग की। इसमें अनुज कनौजिया को गोली लग गई। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। मुठभेड़ के दौरान अनुज ने बम भी फेंके, लेकिन बम नहीं फटा। दोनों ओर से 25 राउंड से अधिक गोलियां चलीं। इसमें STF के डीएसपी धर्मेश कुमार शाही घायल हो गए। उनके बाएं कंधे पर गोली लगी है। उन्हें जमशेदपुर TMH में भर्ती कराया गया। 36 साल के अनुज पर दो दिन पहले ही मऊ पुलिस ने 2.50 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। उसने 4 मर्डर किए थे। उस पर हत्या, लूट समेत 23 मुकदमे दर्ज थे। एनकाउंटर से जुड़ी 4 तस्वीरें- बड़ी वारदात को अंजाम देने वाला था अनुज कनौजिया
यूपी एसटीएफ को दो दिन पहले सूचना मिली थी कि अनुज जमशेदपुर में छिपा है। किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रहा है। इसके बाद यूपी एसटीएफ ने झारखंड पुलिस से संपर्क किया। शनिवार रात 10:30 बजे पुलिस ने जमशेदपुर में छोटा गोविंदपुर इलाके में स्थित अनुज के ठिकाने को घेर लिया। खुद को घिरता देख घर से ही उसने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में मारा गया। अनुज को उसके साले ने पनाह दी थी। घर में उसने अपना ऑफिस भी बना रखा था। मुख्तार की बरसी के दूसरे दिन ढेर हुआ अनुज
अनुज मुख्तार अंसारी की बरसी के ठीक दूसरे दिन मारा गया। पिछले साल 28 मार्च को बांदा जेल में मुख्तार अंसारी की मौत हुई थी। शुक्रवार को ही मुख्तार की पहली बरसी थी। मुख्तार अंसारी गैंग अनुज का इस्तेमाल जमीन पर कब्जा कराने, सरकारी ठेकों में दखल के लिए करता था। अनुज गैंग का शॉर्प शूटर था, वह दोनों हाथों में पिस्टल लेकर एक साथ फायर कर सकता था। पिता बोले- बेटा मुख्तार का शूटर नहीं था, पुलिस ने हत्या की एनकाउंटर के बाद दैनिक भास्कर की टीम अनुज के घर पहुंची। वहां भीड़ जमा थी। जब हमने अनुज की मां सुशीला कनौजिया से बात करनी चाही तो वह भड़क गईं और वापस जाने को कहा। फिर हमने अनुज के पिता हनुमान कनौजिया से बात की। उन्होंनें बताया- बेटे पर 4 हत्या के झूठे आरोप थे। उसने सिर्फ एक हत्या की थी। वह भी भाई की मौत का बदला लेने के लिए। पुलिस कह रही है कि वह मुख्तार का शार्प शूटर था। यह भी झूठ है। उसने मुख्तार के साथ काम करने से मना कर दिया था। इसलिए मुख्तार खुद मेरे बेटे की हत्या करवाना चाहता था। अनुज अपराध की दुनियां के पहले ही छोड़ चुका था। वह बिजनेस शुरू करना चाहता था, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं होने दिया। अनुज पर कई फर्जी मुकदमे लगाते गए। एनकाउंटर के डर से ही भागा-भागा फिर रहा था। आखिरकार पुलिस ने उसको मार ही डाला। 17 साल की उम्र में घर छोड़ा, पिता रिटायर्ड सरकारी टीचर
अनुज मऊ जिला मुख्यालय से 50 किमी दूर गाजीपुर-आजमगढ़ बॉर्डर पर चिरैयाकोट क्षेत्र के बहलोलपुर गांव का रहने वाला था। उसके पिता हनुमान कनौजिया सरकारी स्कूल में टीचर थे। अनुज ने 17 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था। भाई की हत्या हुई, फिर खुद की जान पर आई तो अपराधी बना 2 साल पहले दैनिक भास्कर से बातचीत में अनुज के भाई विनोद ने बताया था- 2006-07 की बात है। हमारा पट्टीदारों से झगड़ा हुआ था। बीच में बाबू साहब (ठाकुर) लोग आ गए। झगड़ा होने पर वे छोटे भाई मनोज के पीछे पड़ गए। एक दिन मनोज को बहुत पीटा और अधमरा कर खेत में फेंक गए। मनोज ने बदला लेने के लिए बाबू साहब के परिवार के एक आदमी का मर्डर कर दिया और भाग गया। कुछ साल फरार रहा। उसके साथ एक लड़का और था, उसने मुखबिरी कर दी। पुलिस ने मनोज को पकड़ लिया और बाबू साहब लोगों को सौंप दिया। उन लोगों ने उसे इतना मारा कि उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मनोज का एनकाउंटर दिखा दिया। इसके बाद बाबू साहब लोग अनुज के पीछे पड़ गए। अनुज ने बाबू साहब के परिवार के शरद सिंह की हत्या कर दी और फरार हो गया। तब वो 17 साल का था। मुख्तार अंसारी ने दी थी पनाह
गांव से भागकर अनुज मुख्तार अंसारी के पास पहुंच गया। मुख्तार उससे अपने काम कराता और बदले में उसे पुलिस और जेल जाने से बचाता। हालांकि 6-7 महीने में ही अनुज मुख्तार से अलग हो गया था। इधर, झगड़ा बढ़ने के बाद हम अपने परिवार के साथ मुंबई चले गए। मामला शांत हो गया, तभी लौटे। जेल में रहते हुए शादी की
अनुज कनौजिया की शादी की कहानी भी फिल्मों जैसी है। उसके भाई विनोद बताया था- दुल्लालपुरवा की एक लड़की रीना राय किसी तरह अनुज से मिली थी। कोई लड़का उसे परेशान कर रहा था। उससे छुटकारा पाने के लिए रीना ने अनुज से मदद मांगी। अनुज ने लड़के को फोन कर समझाया, लेकिन वो नहीं माना। अनुज ने उसे सुधरने के लिए 15 दिन का वक्त भी दिया। लड़का फिर भी नहीं माना, तो उसकी दुकान पर जाकर गोली मार दी। इसके बाद रीना अनुज को पसंद करने लगी। दूसरे समाज की होने के बाद भी परिवार वालों की मर्जी के बिना उसने अनुज से शादी कर ली। दोनों की शादी पुलिस की कस्टडी में ही हुई। अनुज के जेल जाने के बाद रीना ही उसका काम देख रही थी। मार्च, 2023 में रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस ने रीना को झारखंड के रांची से गिरफ्तार किया था। हालांकि, इस वक्त वह जमानत पर है। उसके दो बच्चे भी हैं। 2022 में आजमगढ़ में पुलिस ने घर ध्वस्त किया था आजमगढ़ में अनुज ने तलाब की जमीन पर कब्जा कर घर बनवाया था। इस घर की कुर्की अप्रैल, 2022 में हुई थी। कुर्की के बाद घर बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया था। आजमगढ़ के तरवा थाना क्षेत्र में 6 फरवरी, 2014 को अनुज ने सड़क निर्माण कर रहे बिहार के मजदूर राम इकबाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। आखिरी में DSP डीके शाही के बारे में जानिए एनकाउंटर स्पेशलिस्ट DSP धर्मेश कुमार शाही देवरिया के नौतन गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने अब तक 50 बदमाशों का एनकाउंटर किया है। डीके शाही ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से एमए किया है। लखनऊ यूनिवर्सिटी से एलएलबी की भी पढ़ाई की है। शाही 2001 में सब-इंस्पेक्टर बने थे। गोंडा जिले में पहली तैनाती मिली थी। 2010 में प्रमोट होकर इंस्पेक्टर और 2019 में डिप्टी एसपी बने। उन्हें वीरता पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। डीके शाही की पत्नी ऋतु शाही बीजेपी की नेता हैं। 5 सितंबर, 2024 को सुल्तानपुर डकैती में मंगेश यादव का एनकाउंटर हुआ था। उस वक्त डीके शाही की एक तस्वीर सामने आई थी। जिसमें वह एनकाउंटर स्पॉट पर चप्पल पहने हुए दिखाई पड़ रहे थे। इस पर पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने सवाल उठाए थे। उन्होंने डीजीपी से शिकायत भी की थी। अखिलेश यादव ने भी कहा था- दिमाग होता तो चप्पल में एनकाउंटर नहीं करते। इसके बाद DSP धर्मेश कुमार शाही चर्चा में आ गए थे। ————————- एनकाउंटर से जुड़ी हुई ये खबर भी पढ़ें- लखनऊ में महिला का हत्यारा ऑटो ड्राइवर एनकाउंटर में ढेर लखनऊ में रेप के बाद हत्या करने वाले ऑटो ड्राइवर अजय कुमार द्विवेदी को शुक्रवार की रात पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने अजय पर आज ही एक लाख रुपए का इनाम रखा था। पढ़ें पूरी खबर