प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को उत्तराखंड दौरे पर हैं। पीएम सबसे पहले उत्तरकाशी के मुखवा पहुंचे। मुखवा को मां गंगा का मायका कहा जाता है। यहां उन्होंने मां गंगा के मंदिर में दर्शन-पूजन किया। इसके बाद बाइक रैली को रवाना किया। पीएम ने यहां व्यू पॉइंट से हर्षिल घाटी देखी। जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि ठंड में जब देश के बडे़ हिस्से में कोहरा होता है, सूर्य के दर्शन नहीं होते, तब पहाड़ों पर धूप होती है। ऐसे में कई लोग यहां धूप सेंकने आ सकते हैं। इसके लिए घाम तापो (धूप सेंको) पर्यटन हो सकता है। मैं कंपनियों से कहना चाहता हूं कि वे अपने बड़े-बड़े सेमिनार, कॉन्फ्रेंस के लिए उत्तराखंड आएं। पीएम बनने के तीसरे कार्यकाल में मोदी का यह उत्तराखंड का दूसरा दौरा है। इससे पहले वे 28 जनवरी को 38वें राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन करने उत्तराखंड आए थे। उत्तराखंड सरकार ने इस साल शीतकालीन पर्यटन शुरू किया है। CM पुष्पेंद्र धामी ने कहा – इस दौरे से अर्थव्यवस्था, होमस्टे टूरिज्म, बॉर्डर एरिया के गांव के डेवलपमेंट को गति मिलने की उम्मीद है। पीएम मोदी के उत्तराखंड दौरे की 5 तस्वीरें… मोदी के संबोधन की बड़ी बातें… PM बनने के बाद मोदी 5 बार केदारनाथ जा चुके हैं इसके अलावा प्रधानमंत्री उत्तराखंड में कई चुनावी रैलियां को संबोधित करने आए हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत और पुष्कर सिंह धामी के शपथ ग्रहण समारोह में भी पहुंचे थे। उत्तराखंड से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… उत्तराखंड के गांवों में लगे बोर्ड-बाहरी लोग जमीन न खरीदें:गांववाले बोले- हिमाचल जैसा कानून बने, नहीं तो पहाड़ में पहाड़ी ही नहीं बचेंगे ‘बाहर से आए माफिया पैसे और ताकत के दम पर गांव की जमीनें कब्जा रहे हैं। गांववाले उनसे डरकर रहते हैं। पहाड़ी लोग वैसे भी सीधे होते हैं। हमारे गांव में जमीन के विवाद में झगड़े हो चुके हैं। कई बार तो फायरिंग भी हुई है।’ उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के ढरसाल गांव में रहने वाले पूर्णानंद भट किसान हैं। कई साल तक भूमि कानून की मांग वाले आंदोलन से जुड़े रहे। बीती 21 फरवरी को उनकी मांग पूरी हो गई। उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने जमीन की खरीद-फरोख्त के नए कानून को मंजूरी दे दी। इसके तहत राज्य के 11 जिलों में बाहरी लोग खेती और बागवानी के लिए जमीन नहीं ले सकेंगे। पूरी खबर पढ़ें…
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