शाह बोले- मणिपुर में 4 महीने से शांति:सरकार हिंसा खत्म करने का रास्ता निकाल रही; खड़गे ने कहा- मोदी बताएं, वहां क्यों नहीं गए

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे दोनों सदन से मंजूरी मिल गई। लोकसभा में शाह ने कहा- दिसंबर से मार्च तक बीते चार महीनों से मणिपुर में कोई हिंसा नहीं हुई है। राहत कैंपों में खाने-पीने, दवाइयों और मेडिकल सुविधाएं सुनिश्चित की गई है। अमित शाह ने कहा- हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद मणिपुर में दो समुदायों के बीच आरक्षण संबंधी विवाद के कारण जातीय हिंसा शुरू हुई। ये न तो दंगे हैं और न ही आतंकवाद। उन्होंने बताया कि इस हिंसा में 260 लोगों की मौत हुई। इनमें से 80% मौतें पहले महीने में, जबकि बाकी मौतें बाद के महीनों में हुईं। दरअसल, मई 2023 से मणिपुर में हिंसा शुरू हुई थी। 9 फरवरी को तत्कालीन मुख्यमंत्री एन बीरेन के इस्तीफा के बाद मणिपुर में 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लगाया गया। नियम के तहत 2 महीने के भीतर सरकार को दोनों सदनों से राष्ट्रपति शासन को लेकर परमिशन लेनी पड़ती है। शाह ने कहा- मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद मैतेई और कुकी दोनों कम्युनिटी के बीच 13 बार बातचीत हुई। गृह मंत्रालय जल्द दिल्ली में एक संयुक्त बैठक करेगा। सरकार हिंसा को समाप्त करने का रास्ता खोजने के लिए काम कर रही है। खड़गे बोले- मणिपुर जल रहा, लेकिन मोदी वहां नहीं गए
राज्यसभा में प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- मणिपुर जल रहा है, लेकिन PM मोदी वहां एक भी बार नहीं गए। राज्य में यौन हिंसा की घटनाएं हुईं, फिर भी भाजपा चुप रही। मणिपुर में भाजपा की डबल इंजन सरकार विफल हो गई। सदन को मणिपुर के लोगों को शांति का संदेश देना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी को यह बताना चाहिए कि उन्होंने मणिपुर का दौरा क्यों नहीं किया। उन्हें वहां जाना चाहिए और कानून व्यवस्था ठीक करना चाहिए। अमित शाह की लोकसभा में मणिपुर पर कही 3 मुख्य बातें फ्री मूवमेंट का ऐलान के बाद बीते महीने मार्च में भड़की हिंसा
गृह मंत्री अमित शाह ने 1 मार्च को मणिपुर के हालात पर गृह मंत्रालय में समीक्षा बैठक की थी। गृह मंत्री ने 8 मार्च से मणिपुर में सभी सड़कों पर बेरोकटोक आवाजाही सुनिश्चित करने को कहा था। साथ ही सड़कें ब्लॉक करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। आदेश के बाद मणिपुर में कुकी और मैतेई बहुल इलाकों में हिंसा भड़क उठी। इंफाल, चुराचांदपुर, कांगपोकपी, विष्णुपुर और सेनापति को जोड़ने वाली सड़कों पर शनिवार को जैसे ही बसें चलनी शुरू हुईं, कुकी समुदाय के लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में एक पुरुष प्रदर्शनकारी की मौत हो गई, जबकि 25 अन्य घायल हो गए। मृतक की पहचान लालगौथांग सिंगसिट (30 साल) के रूप में हुई है। लालगौथांग झड़प के दौरान गोली लगने से घायल हुआ था। अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। CM बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को इस्तीफा दिया था मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद मणिपुर में 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने उपद्रवियों से सभी लूटे गए हथियार सरेंडर करने को कहा था। अब तक 500 से ज्यादा हथियार सरेंडर किए जा चुके हैं। पूरी खबर पढ़ें… मणिपुर से जुड़ी हुई ये खबर भी पढ़ें… मणिपुर समेत 3 राज्यों में AFSPA 6 महीने बढ़ा:सेना कभी भी किसी को हिरासत में ले सकेगी, हिंसा और अशांति के चलते गृह मंत्रालय का फैसला केंद्र सरकार ने मणिपुर, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (AFSPA) को छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर यह जानकारी दी। गृह मंत्रालय के मुताबिक, मणिपुर में जारी हिंसा के कारण कानून व्यवस्था की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया गया। मणिपुर के 13 पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र को छोड़कर बाकी पूरे राज्य में 1 अप्रैल 2025 से अगले छह महीने तक AFSPA लागू रहेगा। पूरी खबर पढ़ें…

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