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राज ठाकरे बोले- सोशल मीडिया से इतिहास न पढ़ें लोग:हमें पेड़ों-नदियों की फिक्र नहीं, औरंगजेब की कब्र की चिंता कर रहे हैं

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने औरंगजेब कब्र विवाद की निंदा की है। राज ने रविवार को मुंबई के शिवाजी पार्क में गुड़ी पड़वा रैली में कहा कि लोग वॉट्सऐप पर फॉरवर्ड मैसेज से इतिहास न पढ़ें, सोशल मीडिया से नहीं, विश्वसनीय जगहों से इतिहास पढ़ें। उन्होंने कहा, “इतिहास के नाम पर लोगों को लड़ाया जा रहा है, राजनेता इन मुद्दों को हवा दे रहे हैं ताकि विवाद को बढ़ाकर फायदा उठाया जा सके। हमें नदियों और पेड़ों की चिंता नहीं है, हम औरंगजेब की कब्र की फिक्र कर रहे हैं।” इस विवाद की शुरुआत सपा विधायक अबू आजमी के बयान से शुरू हुई। उन्होंने 3 मार्च को कहा- हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता। इसके बाद छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सातारा से भाजपा सांसद उदयनराजे भोंसले ने कहा कि एक JCB मशीन भेजकर उसकी (औरंगजेब) कब्र को गिरा दो। इसके बाद 17 मार्च को नागपुर में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने औरंगजेब की कब्र हटाने के लिए प्रदर्शन किया था। नागपुर में हिंसा भड़क गई थी। राज ठाकरे की स्पीच की 5 बातें 1. शिवाजी नाम के विचार को मारना चाहता था औरंगजेब राज ठाकरे ने कहा, ‘औरंगजेब ने महाराष्ट्र में 27 साल बिताए और वो मराठाओं से लड़ता रहा। वह शिवाजी की विरासत को मिटाना चाहता था, लेकिन आखिरकार वो हार गया। औरंगजेब उस विचार को मारना चाहता था, जिसका नाम शिवाजी था। शिवाजी की मृत्यु के बाद भी औरंगजेब महाराष्ट्र में रहा और उनके आदर्शों को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन असफल रहा।’ 2. फिल्म देखकर जागने वाला हिंदू किसी काम का नहीं ठाकरे ने कहा, ‘हम मौजूदा समय के असली मुद्दों को भूल गए हैं। फिल्म देखकर जागने वाले हिंदू किसी काम के नहीं हैं। क्या आपको विक्की कौशल को देखकर संभाजी महाराज के बलिदान के बारे में और अक्षय खन्ना को देखकर औरंगजेब के बारे में पता चला? औरंगजेब का क्या मामला था किसी को पता है क्या?’ 3. बच्चों को दिखाओ औरंगजेब को यहां दफनाया गया था ठाकरे ने कहा कि बीजापुर के सेनापति अफजल खान को प्रतापगढ़ किले के पास दफनाया गया था और यह छत्रपति शिवाजी महाराज की अनुमति के बिना नहीं हो सकता था। लोग उकसावे में न आएं।। शिवाजी से पहले और शिवाजी के बाद के युगों में सामाजिक-राजनीतिक परिस्थितियां अलग-अलग थीं। औरंगजेब की कब्र की जो सजावट की गई है, उसे हटा दो। सिर्फ कब्र को रखो, वहां पर बड़ा बोर्ड लगा दो। बोर्ड पर लिखो कि जो हमारे छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारों को जो मारने आया था, उसे महाराष्ट्र की भूमि में दफनाया। छोटे-छोटे बच्चों को दिखाओ औरंगजेब को यहां दफनाया था। 4. कोई देश धर्म के आधार पर प्रगति नहीं कर सकता है राज ठाकरे ने कहा, ‘औरंगजेब का जन्म गुजरात के दाहोद में हुआ था। जो लोग अपनी स्वार्थी राजनीतिक आकांक्षाओं के लिए लोगों को भड़काते हैं, उन्हें इतिहास से कोई सरोकार नहीं है।कोई भी देश धर्म के आधार पर प्रगति नहीं कर सकता। आप तुर्किये को देखिए कि कैसे उसने खुद को सुधार लिया। धर्म आपके घर की चारदीवारी के भीतर ही रहना चाहिए। एक हिंदू की पहचान हिंदू के रूप में तभी होती है, जब मुसलमान सड़कों पर उतरते हैं या दंगों के दौरान। नहीं तो हिंदू भी जाति के आधार पर बंटे हुए हैं।’ 5. धर्म के नाम पर नदियों को दूषित न करें ठाकरे ने एक वीडियो दिखाते हुए दावा किया कि शवों को जलाकर गंगा नदी में डाला जा रहा है। उन्होंने कहा, “यह कैसा धर्म है, अगर हम अपने प्राकृतिक संसाधनों को नष्ट कर रहे हैं। गंगा की सफाई पर 33,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं और यह अभी भी जारी है। क्या हमें खुद में सुधार नहीं करना चाहिए। महाराष्ट्र की नदियां भी बेहद प्रदूषित हैं। देश की 311 सबसे प्रदूषित नदियों में से 55 महाराष्ट्र की हैं। मुंबई में पांच नदियां हैं और उनमें से चार खत्म हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि एकमात्र जीवित मीठी नदी मरने वाली है।’ हिंसा के बाद औरंगजेब की कब्र पर सुरक्षा बढ़ी हिंसा और तोड़फोड़ के बाद औरंगजेब की कब्र पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। ऐसी व्यवस्था की गई है कि वहां केवल एक ही व्यक्ति प्रवेश कर सके। औरंगजेब के मकबरे का मुख्य द्वार पुलिस ने बंद कर दिया है। औरंगजेब की कब्र के पास जाना भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। फिलहाल औरंगजेब के मकबरे को बाहर से ही देख सकते हैं। 1707 में बनी थी औरंगजेब की कब्र —————- ये खबर भी पढ़ें… नागपुर हिंसा, आरोपियों के घर गिराने पर हाईकोर्ट की रोक:राज्य सरकार और BMC से जबाव मांगा; फहीम-युसुफ पर 500 दंगाइयों को भड़काने का आरोप नागपुर हिंसा मामले के मुख्य आरोपी फहीम खान, यूसुफ शेख सहित उनके साथियों के घर पर बुलडोजर एक्शन पर बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने सोमवार को रोक लगा दी। पूरी खबर पढ़ें…

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