Ramban-Reasi Cloudburst: जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर बादल फटने की घटनाओं ने लोगों की ज़िंदगी को हिला कर रख दिया। अलग-अलग जगहों पर हुई इन घटनाओं में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर लगातार राहत और बचाव कार्य कर रहे हैं।
रामबन जिले में बादल फटा, 3 की मौत – 5 लापता
रामबन जिले की राजगढ़ तहसील के गडग्राम गांव में देर रात बादल फट गया। इस घटना में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई है। 5 लोग लापता बताए जा रहे हैं। मौके पर प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर खोजबीन कर रहे हैं। बड़ी संख्या में अधिकारी वहां मौजूद हैं और हालात पर नज़र बनाए हुए हैं।
रियासी जिले में बादल फटने से 7 की मौत
दूसरी घटना रियासी जिले के माहौर इलाके की है। यहां बदर गांव में देर रात बादल फट गया। इस हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई। स्थानीय विधायक मोहम्मद खुर्शीद के अनुसार, रात को परिवार सो रहा था तभी उनके घर पर मलबा आ गिरा। पूरा परिवार मलबे में दब गया और स्थानीय लोगों की मदद से शव निकाले गए। यह परिवार बहुत गरीब था और उनका सबकुछ इस घटना में तबाह हो गया।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
हादसे की सूचना मिलते ही रामबन के उपायुक्त इलियास खान और अन्य वरिष्ठ अधिकारी रात करीब 2 बजे घटनास्थल पर पहुँच गए। प्रशासन ने तुरंत बचाव और राहत कार्य शुरू करवाया। प्रभावित लोगों को हर संभव मदद दी जा रही है और पूरे इलाके को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
जम्मू-कश्मीर में लगातार बादल फटने की घटनाएँ
- हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में बादल फटने की घटनाएँ हो चुकी हैं।
- किश्तवाड़, कठुआ और डोडा जिलों में भी बादल फटने से भारी तबाही हुई है।
- साथ ही भूस्खलन और बाढ़ की स्थिति ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
किश्तवाड़ में सबसे बड़ी त्रासदी – 60 मौतें
15 अगस्त को किश्तवाड़ जिले के चोसिती गांव में भीषण बादल फटने की घटना हुई थी। यह हादसा मचैल माता तीर्थयात्रा मार्ग पर हुआ। इस घटना में करीब 60 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में दो CISF जवान और कई तीर्थयात्री भी शामिल थे। 50 से 220 लोग लापता बताए गए थे। जबकि 100 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे। यह हादसा अब तक की सबसे गंभीर घटनाओं में से एक माना जा रहा है।