Nepal Protest: नेपाल की ओली सरकार ने हाल ही में सोशल मीडिया कंपनियों को आदेश दिया था कि वे एक हफ्ते के भीतर सरकार के नियमों के तहत रजिस्टर करें। लेकिन समयसीमा (डेडलाइन) खत्म होने के बाद भी मेटा (फेसबुक, इंस्टाग्राम), गूगल और अन्य कई बड़े प्लेटफॉर्म्स ने पंजीकरण नहीं कराया। इसके बाद सरकार ने कार्रवाई करते हुए इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को बैन करने का फैसला किया।
सरकार के इस फैसले के खिलाफ नेपाल के युवा सड़कों पर उतर आए। उनका कहना है कि सरकार उनकी आज़ादी छीन रही है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला कर रही है। देखते ही देखते कई शहरों में प्रदर्शन तेज हो गया।
मिली जानकारी के अनुसार मौत का आंकड़ा बढ़कर 19 हो गया है। हिमालयन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मरने वालों में 16 काठमांडू और दो इटाहारी के थे। वहीं प्रदर्शन में 200 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं। घायलों में प्रदर्शनकारी, सुरक्षाकर्मी और पत्रकार शामिल हैं।
हालात बिगड़े, सेना की तैनाती
शुरुआत में सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस और रबर बुलेट का इस्तेमाल किया। लेकिन भीड़ शांत नहीं हुई और हालात बेकाबू हो गए। मजबूर होकर सरकार ने सेना को सड़कों पर उतार दिया।
कई शहरों में कर्फ्यू
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए नेपाल सरकार ने कई बड़े शहरों में कर्फ्यू लागू कर दिया है। इसके साथ ही सभी परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया गया है।
घायलों का मुफ्त इलाज
प्रदर्शन में कई लोग घायल हुए हैं। सरकार ने घोषणा की है कि सभी घायलों का इलाज मुफ्त में किया जाएगा। इस बीच, ट्रॉमा सेंटर और सिविल अस्पतालों में भी झड़पों की खबरें सामने आई हैं।
भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा कड़ी
नेपाल में बढ़ते बवाल को देखते हुए भारत ने भी सतर्कता बढ़ा दी है। भारत-नेपाल सीमा पर चौकसी कड़ी कर दी गई है, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोका जा सके।
प्रदर्शनकारियों का आरोप
प्रदर्शनकारी युवाओं का कहना है कि सुरक्षाबल सिर्फ रबर बुलेट ही नहीं, बल्कि असली गोलियां भी चला रहे हैं। इस वजह से कई लोग गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं।