Breaking News
Edit Template
  • Home
  • /
  • दिल्ली
  • /
  • देश के कई शहरों में ब्लैकआउट : युद्ध जैसी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी हुई तेज

देश के कई शहरों में ब्लैकआउट : युद्ध जैसी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी हुई तेज

नई दिल्ली : पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच लोगों को हवाई हमलों की स्थिति में राहत और बचाव के लिए बुधवार को प्रशिक्षित करने के लिए पूरे देश में जगह-जगह मॉक ड्रिल यानी कि अभ्यास किया गया है। इसके अलावा आज शाम को 244 जिलों में ब्लैकआउट का भी अभ्यास किया गया। इस दौरान सिविल डिफेंस, पुलिस होमगार्ड और अन्य सरकारी एजेंसियों के लोग अभ्यास में शामिल थे। राजधानी में डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल, मयूर विहार और खान मार्केट सहित दिन में हवाई हमले के सायरन की आवाज के साथ लोगों को बचाव और राहत के उपायों का प्रशिक्षण कराया गया। शाम को आठ से सवा आठ बजे के बीच नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, राष्ट्रपति भवन सहित राजधानी के तमाम इलाकों में बत्तियां बुझा दी गईं और कुछ देर के लिए राजधानी अंधेरे की चादर में लिपट गई। राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) ग्रुप मुख्यालय जालंधर के तत्वावधान में छह एनसीसी बटालियनों के विभिन्न 250 शिक्षण संस्थानों ने सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का अभ्यास किया।

ब्रिगेडियर अजय तिवारी, सेना मेडल ग्रुप कमांडर ने बुधवार को बताया कि होशियारपुर, कपूरथला, फगवाड़ा और जालंधर की तीन बटालियनों के कॉलेजों और स्कूलों में आठ हजार एनसीसी कैडेटों और छात्र/छात्राओं को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का अभ्यास कराया गया। सेना के प्रशिक्षकों और शिक्षकों ने शिक्षण संस्थानों में लेक्चर, डेमो और युद्ध के समय हवाई हमले से बचने के तरीके कैडेटों और छात्रों को सिखाए।

ब्रिगेडियर अजय तिवारी ने बताया कि क्लास या घर के अंदर, बाजार, खेल के मैदान और खुले मैदान में सिविल डिफेंस के विभिन्न तरीके सिखाए गए। नागरिकों के घायल होने पर फर्स्ट ऐड और घायलों की निकासी के तरीके भी सिखाए गए हैं। कैडेटों और छात्रों को ब्लैकआउट में कार्रवाई भी सिखाई गई। एक घंटे का ब्लैकआउट कल रात जालंधर कैंट में कराया गया जो आज भी रात आठ बजे से रात नौ बजे तक जालंधर और अन्य जिलों में कराया जाएगा। आग के प्रकार और आग बुझाने के तरीके कैडेटों और छात्रों को सिखाए गए। ब्रिगेडियर अजय ने बताया कि राष्ट्र के 300 जिलों में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का अभ्यास कराया गया है और सभी नागरिकों को हवाई हमले और न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और केमिकल वारफेयर में बचाव के तरीके कैडेटों और छात्रों को सिखाए गए।

ग्रुप कमांडर ने सोशल मीडिया में नकारात्मक खबरों और वीडियो से बचने के बारे में बताया। केवल सरकारी चैनलों और एजेंसियों से दी गई जानकारी और सूचनाओं पर ही भरोसा करना है। कैडेटों और छात्रों को युद्धाभ्यास और सिविल डिफेंस की जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है। पहलगाम में आतंकवादी हमले और आज के ऑपरेशन सिंदूर के बीच बनीं स्थितियों के मद्देनजर आज देशव्यापी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के तहत मध्यप्रदेश के पांच जिलों में शाम को मॉक ड्रिल किया गया। इस दौरान आपात स्थिति में नागरिकों को सुरक्षित बचाने का अभ्यास किया गया। राजधानी भोपाल के अलावा इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और कटनी जिलों में मॉक ड्रिल किया गया।

इसमें प्रशासनिक अमले के साथ ही स्वैच्छिक संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित की गई। इस दौरान यह प्रदर्शित किया गया कि युद्ध के दौरान निर्मित हालातों में किस तरह नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है। इसका एक मुख्य उद्देश्य नागरिकों को मानसिक रूप से तैयार करना भी रहा। प्रशासन का कहना है कि नागरिक सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन राष्ट्र का महत्वपूर्ण विषय एवं जिम्मेदारी है, फलस्वरूप नागरिकों की सुरक्षा के लिए सिविल डिफेंस अधिनियम 1968 एवं अन्य नियमों में नागरिक सुरक्षा करने के प्रावधान किए गए हैं। नागरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्रालय की है, जो समय-समय पर राज्यों को आवश्यक निर्देश देती है कि राज्य सरकारें नागरिक सुरक्षा योजनाएं बनाएं, योजनाओं की समय-समय पर समीक्षा करें और आवश्यकता पड़ने पर संशोधन करें।

नागरिक सुरक्षा योजनाओं का अभ्यास करने के लिए केंद्र सरकार के निर्देश के अनुरूप पांच जिलों ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, जबलपुर एवं कटनी में यह अभ्यास किया गया। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर बुधवार को उत्तराखंड के देहरादून जनपद में नागरिकों की सुरक्षा के दृष्टिगत आयोजित सिविल डिफेंस ‘मॉक ड्रिल’ की निगरानी राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (यूएसडीएमए) स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र तथा जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से की गई। गृह विभाग के सचिव शैलेश बगौली, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दीपम सेठ तथा सचिव, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, विनोद कुमार सुमन ने मॉक ड्रिल की मॉनीटरिंग की। बुधवार को जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र, देहरादून से जिलाधिकारी सविन बंसल और आईआरएस तंत्र के अंतर्गत, उनकी पूरी टीम यूएसडीएमए से वर्चुअली जुड़ी रही।

Hind Lehar

Writer & Blogger

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular
Recent
Edit Template
Edit Template

Hello, we are content writers with a passion for all things related to fashion, celebrities, and lifestyle. Our mission is to assist clients.

Sponsored Content

No Posts Found!

Newsletter

Join 70,000 subscribers!

You have been successfully Subscribed! Ops! Something went wrong, please try again.

By signing up, you agree to our Privacy Policy

Edit Template

Press ESC to close

Cottage out enabled was entered greatly prevent message.