केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की विशेष अदालत ने शनिवार (15 फरवरी, 2025) को भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) को ठगने के मामले में आरोपी शैलेंद्र श्रीवास्तव उर्फ पप्पू श्रीवास्तव को दोषी करार देते हुए 2 साल की कठोर कैद (Rigorous Imprisonment) और 60,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.
क्या है पूरा मामला?
CBI ने 14 जनवरी 2002 को इस मामले में केस दर्ज किया था. जांच में सामने आया कि आरोपी ने फर्जी नामों से तीन टेलीफोन कनेक्शन लिए और उनका इस्तेमाल भारी-भरकम बिल से बचने के लिए किया. इसके अलावा आरोपी ने इन टेलीफोन कनेक्शनों की श्रेणी बदलकर ‘OYT जनरल’ से ‘नॉन-OYT स्पेशल’ करवा दी ताकि तुरंत कनेक्शन मिल सके. यह बदलाव एक फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर किया गया जो कि केवल स्थायी SSI यूनिट के लिए मान्य होता है, लेकिन आरोपी ने इसे अस्थायी SSI यूनिट के लिए इस्तेमाल किया.
BSNL को लाखों का नुकसान
जांच में ये भी पाया गया कि आरोपी ने BSNL के एक तत्कालीन एसडीओ के साथ मिलकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया. सरकारी नियमों की अनदेखी करते हुए फर्जी नाम से लिए गए टेलीफोन कनेक्शनों को विशेष श्रेणी में डालकर तत्काल इंस्टॉलेशन करवा लिया गया. इस धोखाधड़ी के कारण BSNL को करीब 5.53 लाख रुपये का नुकसान हुआ.
CBI ने की थी चार्जशीट दाखिल
CBI ने मामले की जांच के बाद 25 नवंबर 2003 को चार्जशीट दाखिल की थी. कोर्ट में चले लंबे ट्रायल के बाद आरोपी को दोषी करार दिया गया. अदालत ने आरोपी को 2 साल की कठोर सजा सुनाई और 60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
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सरकारी कंपनियों के साथ धोखाधड़ी के मामले बढ़े
BSNL जैसी सरकारी टेलीकॉम कंपनियों के साथ धोखाधड़ी के मामले सामने आते रहते हैं. पहले भी कई बार फर्जी दस्तावेजों के जरिए टेलीफोन कनेक्शन लेने और बिल न भरने जैसी घटनाएं हुई हैं. CBI और अन्य एजेंसियां लगातार ऐसे मामलों की जांच कर रही हैं ताकि सरकारी संस्थानों को नुकसान से बचाया जा सके.
CBI लगातार सरकारी विभागों और कंपनियों में हो रहे भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामलों पर शिकंजा कस रही है. ये सजा उन लोगों के लिए कड़ा संदेश है जो फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी कंपनियों को चूना लगाने की कोशिश करते हैं.