हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने रविवार (16 फरवरी, 2025) को घाटी में कश्मीरी पंडितों की सम्मानजनक वापसी पर मुसलमानों और पंडितों के बीच सहमति बनाने की आवश्यकता पर बल दिया.
बडगाम में एक अंतरधार्मिक सम्मेलन में शिरकत करने आए हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक ने कहा, ‘हमारा मानना है कि कश्मीरी पंडितों का मुद्दा एक मानवीय मामला है. कश्मीरी मुसलमान चाहते हैं कि वे अपने घरों को लौटें और पहले की तरह सद्भाव और शांति से रहें.’
‘आम सहमति की आवश्यकता’
मीरवाइज ने कहा, ‘बहुसंख्यक समुदाय चाहता है कि कश्मीरी पंडित यहां मौजूद समावेशी समाज में लौट आएं, उन्होंने कहा, ‘कुछ आवाजें हैं जो दक्षिण कश्मीर में अपने लिए एक अलग क्लस्टर चाहती हैं. यह स्वीकार्य नहीं है. कश्मीरी पंडितों का एक महत्वपूर्ण वर्ग है जो समावेशी समाज का हिस्सा बनना चाहता है इसलिए आम सहमति की आवश्यकता है.’
‘कुछ लोग दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे’
मीरवाइज ने कहा, ‘कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी के तौर-तरीकों पर दोनों समुदायों के बीच आम सहमति होनी चाहिए. बहुसंख्यक समुदाय को कश्मीरी पंडितों की सम्मानजनक वापसी के लिए कदमों के तौर-तरीके पर बैठकर चर्चा करनी होगी. हालांकि, कश्मीरी पंडितों को भी उनकी वापसी पर आम सहमति बनानी होगी क्योंकि समुदाय के भीतर कुछ आवाजें हैं जो दरार पैदा करने की कोशिश कर रही हैं.’
कौन हैं मीरवाइज उमर फारूक
कश्मीर के अलगाववादी संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष हैं मीरवाइज उमर फारूक. वो कश्मीर के एक मौलवी भी हैं. मीरवाइज उमर फारूक श्रीनगर के बर्न हॉल स्कूल से पढ़े हैं. फारुक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते थे. मीरवाइज की शादी साल 2002 में कश्मीरी-अमेरिकी नागरिक शीबा मसूदी से हुई है. जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद हालात संभालने के लिए कई नेताओं पर प्रतिबंध लगा. इसी दौरान मीरवाइज को भी नजरबंद किया गया. घाटी में हालात सामान्य होने पर फारुक पर लगाई गई बंदिशें कम की गईं.
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