West Bengal Crime: कोलकाता की NIA स्पेशल कोर्ट ने शनिवार (15 फरवरी) को लोकपुर बम ब्लास्ट केस में आरोपी बबलू मंडल को दोषी करार देते हुए 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 286 और विस्फोटक अधिनियम की धारा 3 व 5 के तहत कार्रवाई की है. इसके अलावा कोर्ट ने बबलू मंडल पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
ये मामला साल 2019 का है जब पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के लोकपुर इलाके में बबलू मंडल के घर पर एक भीषण बम विस्फोट हुआ था. इस हादसे के बाद लोकपुर पुलिस ने बबलू मंडल के दो बेटों, निरंजन मंडल और मृत्युंजय मंडल को गिरफ्तार किया था. हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई और इसके बाद वे फरार हो गए. पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते बबलू मंडल ने जून 2022 में कोर्ट में सरेंडर किया था.
NIA ने 5 सितंबर 2022 को दाखिल की चार्जशीट
इस विस्फोट की जांच के दौरान पुलिस को शक हुआ कि बबलू मंडल और उसके बेटों के घर में इलीगल तरीके से विस्फोटक सामग्री जमा की जा रही थी और वहीं पर देसी बम बनाए जाते थे. इसके बाद सितंबर 2020 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस केस की जांच अपने हाथ में ले ली. जांच के बाद 5 सितंबर 2022 को NIA ने तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी जिसमें विस्फोटक सामग्री जमा करने और गैरकानूनी रूप से बम बनाने के सबूत मिले थे.
फरार बेटों की तलाश जारी
हालांकि बबलू मंडल को सजा सुनाए जाने के बावजूद उसके दोनों बेटे अब भी फरार हैं. सुरक्षा एजेंसियां लगातार उनकी तलाश कर रही हैं और उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है. NIA को उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा और इस पूरे मामले से जुड़े बाकी रहस्यों से पर्दा उठाया जाएगा.