हैदराबाद। मिस वर्ल्ड 2025 के विनर के नाम का खुलासा हो गया है। लगभग 110 देशों के कंटेस्टेंट को पीछे छोड़ते हुए थाईलैंड की ओपल सुचाता चुआंग्सरी (Opal Suchata Chuangsri) ने इस खिताब को अपने नाम किया है। इस इवेंट का आयोजन हैदराबाद में हुआ। दरअसल, थाईलैंड की ओपल सुचाता चुआंगश्री को शनिवार को हैदराबाद में आयोजित ग्रैंड फिनाले के बाद 72वीं मिस वर्ल्ड का ताज पहनाया गया। इथियोपिया की हासेट डेरेजे एडमसु को उपविजेता घोषित किया गया। आयोजकों के अनुसार, तेलंगाना में एक महीने तक उद्देश्यपूर्ण गतिविधियों, सांस्कृतिक मिलन और उद्देश्य-संचालित गतिविधियों के जीवंत कार्यक्रमों के बाद, दुनिया भर से पहुंची 108 प्रतिभागियों ने विश्व सौंदर्य प्रतियोगिता में मिस वर्ल्ड का ताज जीतने के लिए प्रतिस्पर्धा की।
विजेता ओपल, अंतरराष्ट्रीय संबंधों की छात्रा हैं। उन्हें मनोविज्ञान और मानव विज्ञान में रुचि है और वह राजदूत बनना चाहती हैं। उन्होंने स्तन कैंसर के क्षेत्र में काम करने वाले संगठनों के लिए स्वयंसेवी के तौर पर काम किया है। मिस वर्ल्ड वेबसाइट के अनुसार, ओपल को उकेलेले (वाद्य यंत्र) बजाने में भी महारत हासिल है। उनके पास सोलह बिल्लियां और पांच कुत्ते हैं। मिस वर्ल्ड की अध्यक्ष जूलिया मोर्ले सी.बी.ई. ने जूरी का नेतृत्व किया और 72वीं मिस वर्ल्ड की विजेता की घोषणा की। अभिनेता सोनू सूद को प्रतिष्ठित मिस वर्ल्ड मानवतावादी पुरस्कार दिया गया।
वहीं भारत की नंदिनी गुप्ता मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में शीर्ष आठ में जगह बना पाने में नाकाम रहीं हैं। भारत की नंदिनी गुप्ता हैदराबाद में आयोजित 72वीं मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में शीर्ष आठ में जगह बनाने से पहले ही शनिवार को बाहर हो गईं। गुप्ता यदि यह प्रतियोगिता जीत जातीं तो वह विश्व सुंदरी का खिताब हासिल करने वाली देश की सातवीं हस्ती होतीं। 2017 में मानुषी छिल्लर के सिर पर यह ताज सजा था। भारत की पहली मिस वर्ल्ड रीता फारिया थीं, जिन्होंने 1966 में यह ताज जीता था। संयोग से, वह पहली एशियाई मिस वर्ल्ड भी थीं। ऐश्वर्या राय ने 1994 में, डायना हेडन (1997), युक्ता मुखी (1999) और प्रियंका चोपड़ा ने 2000 में यह खिताब जीता था।
सुतापा का ब्रेस्ट कैंसर से क्या है नाता?
ओपल सुचाता ने इसके अलावा महिला सशक्तिकरण और मेंटल हेल्थ पर जागरूकता अभियान चलाती रहीं हैं। ब्रेस्ट कैंसर को लेकर जागरूकता अभियानों में हिस्सा लेती आ रही हैं। महज 16 साल की उम्र में इन्हें अपने ब्रेस्ट में गांठ का पता चला जो मामूली थी लेकिन इसने इन्हें ब्रेस्ट कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रेरित किया