ED Action: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार (13 फरवरी) को मुंबई में बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मामले में वन वर्ल्ड क्रिएशन्स प्राइवेट लिमिटेड (ओसीपीएल) और बाकी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत 8 अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की. जानकारी के अनुसार ये कार्रवाई यूको बैंक द्वारा बैंकों के संघ से 93 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत पर आधारित थी जिसके बाद सीबीआई (CBI) ने एफआईआर (FIR) दर्ज की थी.
ईडी ने इस मामले में सर्कुलर ट्रेडिंग के माध्यम से शेल संस्थाओं का इस्तेमाल कर बैंकों को धोखा देने के आरोपों की जांच की. जांच में सामने आया कि मेसर्स ओसीपीएल और उसके निदेशकों ने शेल कंपनियों और पार्टनरशिप फर्मों के माध्यम से टर्नओवर बढ़ाने के लिए आपराधिक साजिश रची जिसके परिणामस्वरूप लोन फंड को डायवर्ट कर लिया गया. इन फंड्स का इस्तेमाल अचल संपत्ति खरीदने में किया गया जो क्रिमिनल एक्टिविटी से इकट्ठे धन का परिणाम था.
छापेमारी में जब्त हुए अहम दस्तावेज और सबूत
छापेमारी के दौरान ईडी ने उन संपत्तियों से संबंधित डॉक्यूमेंट्स जब्त किए जो शेल कंपनियों और काल्पनिक संस्थाओं के नाम पर खरीदी गई थीं. इन कंपनियों ने एक जटिल संरचना का इस्तेमाल किया था जिससे प्रोसिड्स ऑफ क्राइम (पीओसी) से इकट्ठे किए गए धन का गलत इस्तेमाल किया गया. ईडी के मुताबिक इन संपत्तियों को मुख्य रूप से शेल संस्थाओं के माध्यम से एक जगह से दूसरी जगह पर ट्रांसफर किया गया था.
आरोपियों के खिलाफ की जाएगी सख्त कार्रवाई
ईडी की जांच में ये तथ्य सामने आए हैं कि मेसर्स ओसीपीएल के प्रमोटरों ने फंड की लेयरिंग करने के लिए शेल संस्थाओं के बीच सर्कुलर लेन-देन किया था. इस फंड को बाद में अचल संपत्ति खरीदने में इस्तेमाल किया गया. इस जांच से जुड़े अन्य पहलुओं पर भी विस्तार से कार्रवाई की जा रही है और आगे आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकते हैं.