NEPAL NEWS : नेपाल में पिछले कई दिनों से भारी हिंसा और तनाव का माहौल था। सोशल मीडिया पर बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जेन-जी (Gen-Z) युवाओं ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनों के दबाव में आखिरकार प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। इस्तीफे के बाद भी कई जगहों पर हिंसा हुई, जिससे हालात बिगड़ गए। हालात काबू में लाने के लिए सेना ने देशभर में कर्फ्यू लगा दिया और सुरक्षा की जिम्मेदारी अपने हाथ में ले ली।
जेन-जी प्रतिनिधियों ने चुना नया चेहरा
अब इन प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे जेन-जी प्रतिनिधियों ने अंतरिम सरकार बनाने का फैसला लिया है। युवाओं ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री पद के लिए चुना है। माना जा रहा है कि आर्मी चीफ के साथ होने वाली बैठक में इस फैसले को औपचारिक मंजूरी दी जाएगी।
सुशीला कार्की का पहला बयान
71 साल की सुशीला कार्की ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह राष्ट्रहित में काम करने के लिए तैयार हैं। उनके शब्दों में “जेन-जी समूह ने मुझ पर थोड़े समय के लिए सरकार का नेतृत्व करने का भरोसा जताया है। मैं राष्ट्रहित में काम करने के लिए तैयार हूं। युवाओं का यह विश्वास मेरे लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।”
आर्मी चीफ से अहम मुलाकात
जानकारी के मुताबिक, जेन-जी युवाओं के प्रतिनिधि जल्द ही आर्मी चीफ से मुलाकात करेंगे। इस चर्चा में राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को भी शामिल होने का न्यौता दिया गया है। कहा जा रहा है कि इस बैठक से पहले ही आंदोलनकारियों के बीच सुशीला कार्की के नाम पर सहमति बना ली जाएगी। इसके बाद सेना प्रमुख और राष्ट्रपति की मौजूदगी में उनके नाम पर अंतिम मुहर लग सकती है।
कौन हैं सुशीला कार्की?
- सुशीला कार्की नेपाल की जानी-मानी न्यायविद हैं।
- वह नेपाल सुप्रीम कोर्ट की पहली और अब तक की एकमात्र महिला मुख्य न्यायाधीश रही हैं।
- 11 जुलाई 2016 को उन्हें नेपाल का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।
- शिक्षा के क्षेत्र में भी उन्होंने बड़ी उपलब्धि हासिल की।
- 1975 में उन्होंने वाराणसी, भारत के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की।
- 1978 में नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की।
- उन्होंने 1979 में विराटनगर से वकालत शुरू की थी।