New Delhi Railway Station Stamped: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार (15 फरवरी 2025) रात भगदड़ मचने से 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हुए हैं. इस हादसे में मरने वालों में दिल्ली के सागरपुर की 7 साल की रिया भी हैं. मूल रूप से उत्तर प्रदेश के उन्नाव की रहने वाली रिया के पिता ओपिल सिंह ने बताया कि वह अपनी पत्नी और 2 बेटियों के साथ प्रयागराज में महाकुंभ स्नान के लिए निकले थे. वह नई दिल्ली स्टेशन के 14 नंबर प्लेटफॉर्म पर थे. स्टेशन पर भारी भीड़ देख कर परिवार की सुरक्षा के लिए उन्होंने वापस लौटने का मन बनाया.
पिता से छूटा बेटी का हाथ
प्लेटफॉर्म की सीढ़ियों पर चढ़ने के दौरान उन्होंने पाया कि अचानक 4-5 हजार लोग नीच उतरने लगे. वहां प्लेटफार्म चेंज की कोई घोषणा नहीं हुई थी, फिर भी अफवाह फैल गई. ओपिल सिंह का हाथ बेटी से छूट गया. उनकी बेटी की कनपटी पर लोहे की रेलिंग से निकली कोई कील या टुकड़ा घुस गया. वहां भीड़ को नियंत्रित करने या घायलों की मदद करने की कोई व्यवस्था नहीं थी. वह सामान ढोने वाले 3 कुलियों की मदद से बेटी को लेकर बाहर आए. आपाधापी में उन कुलियों ने ही 300 रुपए की आर्थिक मदद की. इसके बाद दोनों कलावती हॉस्पिटल पहुंचे, लेकिन थोड़ी देर में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ की जांच शुरू
दिल्ली पुलिस के डीसीपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में इस मामले की जांच शुरू की गई है. रेलवे ने भी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ की घटना की जांच के लिए गठित समिति के दो सदस्यों के नाम घोषित किए हैं. उत्तर रेलवे के प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक नरसिंह देव और उत्तर रेलवे के प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त पंकज गंगवार समिति के सदस्य हैं.
रेलवे स्टेशन पर रविवार दोपहर को भी यात्रियों की भीड़ देखी गई जो अपनी-अपनी ट्रेन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. रेलवे कर्मचारियों ने रात भर प्लेटफॉर्म को साफ किया, जहां भगदड़ के बाद लोगों के जूते, फटे बैग और कपड़े बिखरे पड़े थे. रेलवे ने भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान किया है.