JPC Meeting On ONOE: वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की तीसरी बैठक 25 फरवरी को होने वाली है. विधेयक पर दूसरी बैठक 31 जनवरी, 2025 और पहली बैठक 8 जनवरी, 2025 को हुई थी. इन दोनों ही बैठकों में प्रस्तावित कानून पर सत्ताधारी दल और विपक्षी दलों के बीच विस्तृत चर्चा हुई थी.
कमेटी ने बिल पर सुझाव लेने के लिए स्टेक होल्डर्स की लिस्ट बना दी है. इसमें सुप्रीम कोर्ट के अलावा देश के अलग-अलग हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस, चुनाव आयोग, राजनीतिक दल और राज्य सरकारें शामिल हैं. पिछली बैठक में कमेटी के अध्यक्ष पीपी चौधरी ने कहा था कि शिक्षकों, छात्रों और प्रवासी मजदूरों के विचार भी लिए जाएंगे. वहीं, कुछ सदस्यों ने सुझाव दिया कि मुद्दे को लेकर जनता की भी आम सहमति बनना भी जरूरी है.
8 जनवरी वाली बैठक में क्या हुआ?
जेपीसी की पहली बैठक में सभी सांसदों को 18 हजार से ज्यादा पेज वाली रिपोर्ट एक ट्रॉली बैग में भरकर दी गई थी. प्रियंका गांधी समेत कई विपक्षी सांसदों ने एक साथ चुनाव कराने पर होने वाले खर्च को लेकर सवाल भी उठाए थे. इसके अलावा विपक्ष ने ये भी कहा था कि एक साथ चुनाव कराने के लिए कई राज्यों की विधानसभा कार्यकाल पूरा होन से पहले भंग करने से संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन होता है.
‘1957 में लोकसभा-विधानसभा चुनाव कराने के लिए भंग की गई थी विधानसभाएं’
इस सवाल का जवाब देते हुए बीजेपी के संजय जायसवाल ने कहा था कि 1957 में लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए 7 विधानसभाओं को भंग कर दिया गया था. उस समय क्या तत्कालीन राष्ट्रपति और संविधान सभा के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद, प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और अन्य सांसदों ने संविधान का उल्लंघन नहीं किया था.
ये भी पढ़ें: ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के लिए खुद ही तैयार हो जाएंगे विपक्षी दल? बीजेपी ने बना लिया ये मेगा प्लान