घूटने पर आया पाकिस्तान, जानें भारत ने ऐसा क्या किया, जो माफी मांगने लगे शहबाज शरीफ?

by Hind Lehar

नई दिल्लीः भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार यानी की 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनने के कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया। इस मामले पर विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान से इन उल्लंघनों को रोकने के लिए उचित कदम उठाने और स्थिति को गंभीरता और जिम्मेदारी से संभालने की अपील की। हालांकि, सीजफायर की घोषणा से चार दिन पहले भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब देकर उसकी कमर तोड़ दी थी।

पिछले चार दिनों में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के लाहौर स्थित एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट कर दिया। साथ ही, तीन प्रमुख एयरबेस पर ताबड़तोड़ हमले कर पाकिस्तान के हौसले पस्त कर दिए। उनके रडार सिस्टम को भी पूरी तरह तबाह कर दिया गया। इस स्थिति को देखकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने माफी मांगनी शुरू कर दी और सीजफायर की अपील की।

भारत ने जिन चार पाकिस्तानी एयरबेस को निशाना बनाया, उनमें मुरीद चकवाल एयरबेस, नूर खान एयरबेस (रावलपिंडी), रहीम यार खान एयरबेस और रफीकी एयरबेस (शोरकोट, पंजाब) शामिल थे। भारत के S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के हवाई हमलों को नाकाम कर दिया, जिससे पाकिस्तान में खौफ फैल गया। इस बीच, शनिवार दोपहर 3:35 बजे पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO से फोन पर बात की, और दोनों के बीच युद्धविराम पर सहमति बनी। हालांकि, 12 मई को दोनों देशों के DGMO फिर से बातचीत करेंगे।

इसके अतिरिक्त, भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और PoK में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर हमला कर लगभग 100 आतंकियों को मार गिराया।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने दी थी जानकारी

भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट के जरिए की। उन्होंने लिखा कि अमेरिका की मध्यस्थता में देर रात तक चली लंबी बातचीत के बाद, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं। हालांकि, भारत ने युद्धविराम के लिए अपनी शर्तें भी रखीं, जिन्हें अमेरिका ने स्वीकार किया। इससे पहले भारत ने स्पष्ट रूप से कहा था कि यदि सीमा पर कोई भी हमला होता है, तो उसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा।

भारत के हमलों से परेशान पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अमेरिका को फोन कर युद्धविराम की मांग की। इसके बाद मार्को रुबियो ने भारत को कॉल कर स्थिति की पूरी जानकारी दी और युद्धविराम के लिए सहमति मांगी।

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