पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने रविवार (16 फरवरी, 2025) को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से कहा, ‘वो जम्मू कश्मीर विधानसभा के कामकाज के नियम बनाते समय अनुच्छेद 370 और 35-ए को हटाने के केंद्र के फैसले का समर्थन करने से बचें.’
पूर्व मुख्यमंत्री ने उमर अब्दुल्ला को चेताया. उन्होंने कहा, ‘इस तरह का कदम बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 और 35-ए को निरस्त करने के लिए उठाए गए ‘अवैध और असंवैधानिक’ कदमों को वैध बना देगा. पीडीपी अध्यक्ष ने दावा किया कि केंद्र के निर्णय के पक्ष में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बावजूद, कई कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि संसद सहित किसी भी प्राधिकरण द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त नहीं किया जा सकता है.
‘जम्मू-कश्मीर सरकार को समर्थन नहीं करना चाहिए’
उन्होंने कहा, ‘हालांकि, बीजेपी इन अधिकारों को बहाल नहीं कर सकती है लेकिन संभावना है कि भारत को एक राष्ट्र के रूप में जल्द या बाद में ऐसा करना होगा. जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा किसी भी तरह का समर्थन इस दावे को कमजोर करेगा और राज्य के दर्जे को कमतर करेगा. हमें अपने तर्कों और विमर्श को जीवित रखना होगा.’
महबूबा मुफ्ती ने बीजेपी से अपने ईगो से नीचे आने और ये स्वीकार करने को कहा कि कश्मीर में स्थिति उतनी सामान्य नहीं है, जितनी दिखाई देती है. पीडीपी अध्यक्ष ने कहा,’एजेंसियों के बल पर और सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम तथा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम जैसे कठोर कानूनों को लागू करके सामान्य स्थिति का दिखावा किया गया है लेकिन यह हमेशा नहीं चलेगा.’
महबूबा मुफ्ती की बड़ी मांग
पीडीपी अध्यक्ष ने कहा, ‘सरकार को अपनी रणनीति पर फिर से विचार करना चाहिए. मेरे कार्यकाल के दौरान शुरू किए गए विश्वास-निर्माण उपायों को आगे बढ़ाना चाहिए.’ उन्होंने घाटी की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए मोदी सरकार से मुजफ्फराबाद और पुंछ-रावलकोट जैसे प्रमुख व्यापार मार्गों को फिर से खोलने की मांग की.
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