SCO Summit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय चीन की यात्रा पर हैं। यहां तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का शिखर सम्मेलन हो रहा है। इस सम्मेलन पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। आज प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। तीनों नेता एससीओ मंच पर एक साथ नजर आए और आपस में गर्मजोशी से बातचीत की। इस मुलाकात को “ट्रायो डिप्लोमेसी” यानी तीन देशों की संयुक्त कूटनीति माना जा रहा है।
वैश्विक हालात और चुनौतियाँ
दुनिया इस समय कई संकटों से जूझ रही है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ (कर) संबंधी फैसलों ने माहौल को और भी जटिल बना दिया है। इन फैसलों से अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अनिश्चितता और निराशा का माहौल बन गया है।
पीएम मोदी ने समझाया एससीओ का महत्व
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने एससीओ की नई परिभाषा रखी। उन्होंने कहा कि भारत इस संगठन का एक सक्रिय और सकारात्मक सदस्य है। भारत की नीति तीन प्रमुख स्तंभों पर आधारित है—
- सुरक्षा और शांति
- आपसी विश्वास और सहयोग
- साझा विकास और समृद्धि
आतंकवाद पर बोले पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद की मार झेल रहा है। हाल ही में पहलगाम में आतंकवादी हमले ने इसकी भयावहता को फिर दिखा दिया। उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में हमारे साथ खड़े होने वाले सभी मित्र देशों का भारत आभारी है।
एससीओ सत्र को किया संबोधित
तियानजिन में एससीओ सदस्य देशों के सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा “मुझे एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेकर खुशी हो रही है।” उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भव्य स्वागत के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही, उन्होंने उज्बेकिस्तान को उसके स्वतंत्रता दिवस पर बधाई भी दी।
शी जिनपिंग का उद्घाटन भाषण
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने याद दिलाया कि 24 साल पहले एससीओ की स्थापना हुई थी। उस समय से ही “शंघाई भावना” इस संगठन की आत्मा रही है, जो इन बातों पर आधारित है—
- पारस्परिक विश्वास
- समानता
- परामर्श
- विविध सभ्यताओं का सम्मान
- साझा विकास की खोज
उन्होंने यह भी कहा कि चीन ने सीमावर्ती क्षेत्रों में विश्वास-निर्माण की पहल की, जिससे तनाव घटा और सहयोग बढ़ा। साथ ही आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ भी मिलकर कदम उठाए गए।
शी जिनपिंग का बड़ा ऐलान
चीनी राष्ट्रपति ने सम्मेलन में एक अहम घोषणा की। उन्होंने कहा कि चीन इस साल एससीओ सदस्य देशों को 281 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 2300 करोड़ रुपये) की मदद देगा। यह सहायता सदस्य देशों की आर्थिक और विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करने में इस्तेमाल होगी।
पुतिन से हुई विशेष मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी अलग से मुलाकात हुई। इससे पहले उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता की थी। माना जा रहा है कि इन बैठकों से भारत-रूस और भारत-चीन संबंधों में नई दिशा मिल सकती है।