Nepal News : नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री और पहली महिला चीफ जस्टिस सुशीला कार्की का जीवन काफी प्रेरणादायक रहा है। उनकी पढ़ाई, निजी जीवन और राजनीतिक घटनाओं से जुड़ी कई बातें इतिहास में दर्ज हैं। सुशीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को नेपाल के बिराटनगर में हुआ था। उन्होंने 1975 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से राजनीति विज्ञान में एमए (MA) किया। इसी दौरान उनकी मुलाकात दुर्गा प्रसाद सुबेदी से हुई, जो उनके सहपाठी थे और नेपाली कांग्रेस के युवा नेता भी थे। बाद में दोनों ने शादी की।
सुबेदी और नेपाल का पहला प्लेन हाईजैक
सुबेदी नेपाल के इतिहास की एक बड़ी घटना में शामिल रहे। उन्होंने 10 जून 1973 को नेपाल में पहली बार प्लेन हाईजैक किया। यह हाईजैक रॉयल नेपाल एयरलाइंस के विमान का था। इस विमान में 22 लोग सवार थे, जिनमें बॉलीवुड एक्ट्रेस माला सिन्हा भी थीं। विमान में 32 लाख रुपए की सरकारी नकदी थी, जो बिराटनगर के बैंकों से काठमांडू ले जाई जा रही थी।
हाईजैक का कारण
- यह हाईजैक राजा महेंद्र के शासन के खिलाफ विद्रोह और नेपाली कांग्रेस के लिए फंड जुटाने के उद्देश्य से किया गया था।
हाईजैक की घटना
सुबेदी और उनके साथी पायलट को मजबूर कर विमान को बिहार के फारबिसगंज में उतारते हैं। वहां मौजूद लोग कैश से भरे बक्से दार्जिलिंग पहुंचा देते हैं। इस हाईजैक में सुबेदी के साथ नागेंद्र धुंगेल और बसंत भट्टाराई थे। इस योजना के पीछे गिरिजा प्रसाद कोइराला और सुशील कोइराला थे, जो आगे चलकर नेपाल के प्रधानमंत्री बने।
गिरफ्तारी और जेल
हाईजैक के बाद सुबेदी कुछ समय तक वाराणसी में छिपे रहे। लेकिन 1975 में भारत में इमरजेंसी लगने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें 2 साल जेल में रहना पड़ा। नेपाली अधिकारियों को सौंपने से पहले ही भारत में इमरजेंसी खत्म हुई और उन्हें रिहा कर दिया गया। बाकी हाईजैकर्स को भी दोषी ठहराया गया लेकिन बाद में वे भी छूट गए।
नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस
सुशीला कार्की सिर्फ प्रधानमंत्री ही नहीं, बल्कि नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस भी बनीं। उन्हें 11 जुलाई 2016 को नेपाल सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस बनाया गया। वह इस पद पर लगभग 1 साल तक रहीं। 30 अप्रैल 2017 को उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया और उन्हें पद से हटा दिया गया।
भारत को लेकर सुशीला कार्की की राय
एक टीवी इंटरव्यू में सुशीला कार्की ने भारत के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा “मैं खुद को भारत का मित्र मानती हूं। इसका श्रेय मैं BHU में बिताए अपने समय को देती हूं।” उन्होंने भारत और नेपाल के संबंधों को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण रखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कहा – “मेरी उनके बारे में अच्छी राय है।” साथ ही कहा – “दोनों देशों को आपस में बैठकर नीतियां बनानी चाहिए।”