Himachal Flood Update 2025 : हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून की शुरुआत के बाद से ही भारी बारिश ने जमकर तबाही मचाई है। तेज़ बारिश, भूस्खलन और बाढ़ जैसी घटनाओं के कारण अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है और राज्य में जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हुआ है। आइए आसान शब्दों में समझते हैं अब तक की पूरी स्थिति।
कितनी हुई मौतें और क्यों?
हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, इस मानसून सीज़न में अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 50 मौतें सीधे बारिश से जुड़ी घटनाओं में हुई हैं। भारी बारिश के कारण कई जगहों पर अचानक बाढ़, बादल फटना और भूस्खलन जैसी घटनाएं हुईं, जिनमें लोग फँस गए और जान चली गई।
मंडी में सबसे ज़्यादा नुकसान क्यों?
इस बार सबसे ज़्यादा तबाही मंडी जिले में हुई है। यहाँ बादल फटने, भूस्खलन और अचानक बाढ़ आने की 10 बड़ी घटनाओं ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया। लोगों के घर उजड़ गए, सड़कें टूट गईं और कई गाँवों का संपर्क बाकी इलाकों से कट गया। यहाँ अब भी राहत और बचाव का काम लगातार जारी है।
कब शुरू हुआ था मानसून?
हिमाचल प्रदेश में इस साल मानसून ने 20 जून को दस्तक दी थी।
तब से लगातार भारी बारिश और मौसम की गंभीर घटनाएं हो रही हैं।
लोगों को सलाह दी गई है कि वे नदियों, नालों और भूस्खलन वाले क्षेत्रों के पास न जाएं।
मंडी की सांसद कंगना रनौत ने क्या कहा?
मंडी से सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने तबाही पर चिंता जताई और कहा“मंडी पर बहुत बड़ा संकट आया है। कई जगह बादल फटे, जलभराव हो गया और संपर्क टूट गया। सिराज और थुनाग इलाकों में हालात काफी खराब हैं। प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटा है और हमारी टीम भी सभी प्रभावित जगहों पर पहुँच रही है। हम जल्द ही सभी इलाकों का दौरा करेंगे।”
अभी भी लापता हैं लोग
मंडी में भूस्खलन और बाढ़ की घटनाओं के बाद अब भी कई लोग लापता हैं। अब तक 14 शव बरामद किए जा चुके हैं, लेकिन 31 लोग अभी भी लापता हैं। इनकी तलाश के लिए खोजी कुत्तों और आधुनिक तकनीक की मदद ली जा रही है। सैकड़ों सड़कें बंद हो चुकी हैं और सार्वजनिक परिवहन पर भी असर पड़ा है।
लोगों को क्या सलाह दी गई?
- नदियों और नालों के पास न जाएं।
- पहाड़ी और भूस्खलन वाले इलाकों में सतर्क रहें।
- प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।