Tahawwur Rana Extradition: मुंबई के 26//11 हमलों का आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाने की तैयारी चल रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उसके प्रत्यर्पण की घोषणा की थी. इन सब के बीच खबर है कि तहव्वुर को भारत लाने में थोड़ा समय लग सकता है.
एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया कि अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने उसकी समीक्षा याचिका खारिज कर दी थी, जिसक बाद उसके प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया. अब तहव्वुर राणा ने मानवीय आधार पर एक आखिरी अपील दायर की है, जिससे उसके भारत आने में कुछ सप्ताह की देरी हो सकती है. मामले को लेकर विशेषज्ञों ने कहा कि यह एक कानूनी मामला है और इससे भारत और अमेरिका के बीच मजबूत राजनयिक संबंधों पर किसी भी तरह से असर नहीं पड़ेगा.
क्या कहा था डोनाल्ड ट्रंप ने?
बीते गुरुवार (13 फरवरी, 2025) को पीएम मोदी के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था, “आज मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मेरे प्रशासन ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के साजिशकर्ताओं और दुनिया के सबसे बुरे लोगों में से एक (तहव्वुर राणा) को भारत में न्याय का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित करने को मंजूरी दे दी है. वह न्याय का सामना करने के लिए भारत वापस जा रहा है. मुझे ऐसा लगता है कि हम एक बहुत ही हिंसक शख्स को प्रत्यर्पित कर रहे हैं.”
कौन है तहव्वुर राणा?
अमेरिका के एफबीआई ने राणा को साल 2009 में शिकागो से गिरफ्तार किया था. वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेटिव के तौर पर भारत में काम कर रहा था. मुंबई हमले के मुख्य मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली को राणा ने ही हमले की साजिश रचने, रेकी करने में मदद की थी. जिसके सबूत भारत ने अमेरिका की कोर्ट में पेश किए थे, जिनमें राणा की संलिप्तता साफ दिखाई दी थी.
गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई आतंकवादियों की गोलियों की तड़तड़ाहट से कांप उठी थी. आतंकी हमलों में छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोग मारे गए थे, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे.
ये भी पढ़ें: तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण और अमेरिका-भारत संबंधों पर क्या बोले पूर्व राजनयिक?