US Deportation News: अमेरिका से 116 अवैध प्रवासियों को लेकर एक विमान शनिवार (15 फरवरी 2025) देर रात अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा. अमेरिका से अमृतसर भेजे गए निर्वासितों में शामिल दलजीत सिंह ने रविवार (16 फरवरी) को दावा किया कि यात्रा के दौरान उन्हें हथकड़ियां पहनाई गई थीं और उनके पैरों में जंजीरें डाली गई थीं.
पैरों में जंजीरें-हाथों में हथकड़ी
दलजीत सिंह ने कहा, ‘‘हमारे पैरों में जंजीरें थीं और हाथों में हथकड़ी भी थी.’’ पंजाब के होशियारपुर जिले के कुराला कलां गांव के मूल निवासी सिंह उन 116 अवैध भारतीय प्रवासियों में शामिल हैं, जिन्हें अमेरिकी विमान से शनिवार रात अमृतसर हवाई अड्डे लाया गया. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें डंकी (अवैध) मार्ग से अमेरिका ले जाया गया था. डंकी मार्ग वह अवैध और जोखिम भरा मार्ग है, जिसका इस्तेमाल प्रवासी अमेरिका में प्रवेश करने के लिए करते हैं.
ट्रैवल एजेंट ने दिया धोखा
दलजीत सिंह की पत्नी कमलप्रीत कौर ने आरोप लगाया कि उनके पति को ट्रैवल एजेंट ने धोखा दिया. उन्होंने कहा कि ट्रैवल एजेंट ने दलजीत सिंह को सीधी उड़ान से अमेरिका ले जाने का वादा किया था, लेकिन इसके बजाय उन्हें अवैध तरीके से ले गया. कमलप्रीत ने बताया कि उनके गांव के एक व्यक्ति ने सिंह की यात्रा के लिए एक ट्रैवल एजेंट की व्यवस्था की थी.
उन्होंने कहा कि एजेंट ने उन्हें कानूनी तरीके से अमेरिका ले जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन बाद में जब उन्हें कई स्थानों पर ले जाया गया, तो उन्हें यात्रा की वैधता पर संदेह पैदा हुआ. अमेरिका से 116 अवैध प्रवासियों को लेकर एक विमान शनिवार देर रात अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विमान रात 10 बजे के अपेक्षित समय के बजाय रात 11 बजकर 35 मिनट पर हवाई अड्डे पर उतरा.
पुलिस की गाड़ियों से सबको घर पहुंचाया गया
यह अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई के तहत अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले प्रशासन की ओर से पांच फरवरी के बाद निर्वासित किया गया भारतीयों का दूसरा जत्था है. इनमें पंजाब से संबंध रखने वाले लोगों को आव्रजन संबंधी और पृष्ठभूमि की जांच के बाद रविवार तड़के करीब साढ़े चार बजे पुलिस की गाड़ियों में उनके घर पहुंचाया गया. हरियाणा सरकार ने भी राज्य से निर्वासित लोगों के लिए परिवहन की व्यवस्था की.
अवैध प्रवासियों के पहले जत्थे को पांच फरवरी को निर्वासित किया गया था. इनमें शामिल कई लोगों ने कहा था कि वे अपने परिवारों के लिए बेहतर जीवन की खातिर अमेरिका जाना चाहते थे, लेकिन उनके एजेंट ने उन्हें धोखा दिया. हालांकि, उनके सपने तब टूट गए जब उन्हें अमेरिकी सीमा पर पकड़ लिया गया और बेड़ियों में जकड़कर वापस भेज दिया गया.
पंजाब के लोग सबसे ज्यादा थे
सूत्रों के मुताबिक, दूसरे जत्थे में निर्वासित लोगों में पंजाब से 65, हरियाणा से 33, गुजरात से आठ, उत्तर प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान से दो-दो, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से एक-एक व्यक्ति शामिल हैं. अधिकतर निर्वासित लोग 18 से 30 वर्ष की आयु के हैं आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 157 निर्वासितों को लेकर तीसरे विमान के 16 फरवरी को भारत पहुंचने की संभावना है.
ये भी पढ़ें: ‘हमें 26 साल हो गए, ऐसी भीड़ कभी नहीं देखी’, NDLS भगदड़ पर प्लेटफॉर्म पर दुकान लगाने वाले ने क्या बताया?