Chandra Grahan 2025 : आज यानी 7 सितंबर 2025 को पूर्ण चंद्र ग्रहण लग रहा है। यह ग्रहण भारत में साफ़ दिखाई देगा। नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद, जयपुर और लखनऊ जैसे बड़े शहरों में लोग इसे देख पाएंगे। इसके अलावा यह एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में भी दिखेगा। जब चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की छाया में आ जाता है, तब उसे पूर्ण चंद्र ग्रहण कहते हैं। इस बार चंद्रमा लाल रंग का दिखाई देगा, जिसे लोग ब्लड मून भी कहते हैं।
सूतक काल क्या होता है?
हिन्दू धर्म में ग्रहण से पहले का समय अशुभ माना जाता है। इसे ही सूतक काल कहा जाता है।
- चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक शुरू हो जाता है।
- माना जाता है कि इस दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है।
- इस कारण पूजा-पाठ, भोजन और शुभ काम नहीं करने चाहिए।
- लेकिन यह समय जप, ध्यान और भक्ति के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
सूतक कब शुरू और कब खत्म होगा?
- सूतक आरंभ: 7 सितंबर 2025, दोपहर 12:57 बजे
- सूतक समाप्त: 8 सितंबर 2025, रात 1:27 बजे
सूतक काल में क्या नहीं करना चाहिए?
सूतक काल के दौरान कुछ नियम माने जाते हैं ताकि ग्रहण का बुरा असर कम हो सके।
- भोजन और पानी न लें
ग्रहण शुरू होने के बाद कुछ भी खाना-पीना वर्जित होता है। - बाल और नाखून न काटें
यह काम अशुभ माना जाता है। - शुभ कार्य न करें
जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश या कोई धार्मिक अनुष्ठान। - मंदिर बंद रहते हैं
सूतक काल में मंदिरों के द्वार बंद कर दिए जाते हैं और पूजा भी नहीं होती। - गर्भवती महिलाएं सावधान रहें
इस समय उन्हें धारदार चीज़ें जैसे चाकू, कैंची या सुई का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। - मनोरंजन से बचें
टीवी, मोबाइल या खेल-कूद जैसी चीज़ों से दूरी बनाए रखना अच्छा माना गया है।
हालांकि छोटे बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को भोजन आदि की छूट दी जाती है।
सूतक काल का सही उपयोग कैसे करें?
- हालांकि सूतक को अशुभ समय कहा गया है, लेकिन इसे आध्यात्मिक साधना का अवसर भी माना जाता है।
- इस समय भगवान का नाम जपें।
- मंत्रों का उच्चारण करें।
- ध्यान और आत्मचिंतन करें।
- ग्रहण खत्म होने के बाद घर और खुद को शुद्ध करने के लिए स्नान करें।